जाने स्मार्टफ़ोन में रिफ़्रेश रेट का क्या होता है असली काम, बिना रिफ़्रेश रेट चेक करे मत ख़रीदे फ़ोन

अगर आप नया स्मार्टफोन खरीद रहे हैं और उसका डिजाइन आपको पसंद नहीं आ रहा है तो आज आप मैनेज कर पाएंगे। लेकिन अगर इसका रिफ्रेश रेट कम है तो
आपको काफी दिक्कत हो सकती है। अगर आप इसके पीछे का कारण नहीं जानते हैं तो हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं और यह क्यों जरूरी है।
अगर आपके स्मार्टफोन की रिफ्रेश रेट 120 हर्ट्ज है, तो आपको इसके बार-बार जमने या हैंग होने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

अगर आप अपने फोन पर गेम खेलने का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 90 हर्ट्ज की रिफ्रेश रेट वाला फोन लेना चाहिए। नहीं तो आपका फोन धीमा होने लगेगा और आपको उतना मज़ा नहीं आएगा।

यहां तक कि अगर आप एक सस्ता स्मार्टफोन खरीदते हैं, तब भी आपको कम से कम 90 हर्ट्ज की ताज़ा दर वाला एक खरीदना चाहिए। इस तरह, आपको बेहतर अनुभव होगा।

अगर आप 60 हर्ट्ज रिफ्रेश रेट वाला स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो इसमें ज्यादा रिफ्रेश रेट वाले स्मार्टफोन की तुलना में ज्यादा डिस्प्ले प्रॉब्लम्स होंगी।

स्मार्टफोन का रिफ्रेश रेट डिस्प्ले की स्पीड होती है। अगर रिफ्रेश रेट कम है, तो फोन धीरे चलेगा और ऐसा लगेगा कि यह संघर्ष कर रहा है। इस समस्या से बचने के लिए हमेशा हाई रिफ्रेश रेट वाला फोन खरीदें।